कुल्लू में सेब की बंपर फसल...
बागवानी विभाग ने इस बार कुल्लू घाटी में सेब की बंपर फसल होने का अनुमान लगाया है। बागवानी विभाग की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस बार 2009... See More की अपेक्षा रिकार्ड सेब की पैदावार होने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक सेब की घाटियों में इस बार भारी ओले पड़े हैं, जिससे सेब पर काले दाग पड़ गए हैं। इस बार बागवानी विभाग ने कुल्लू जिले में डेढ़ लाख मीट्रिक टन सेब की फसल होने का अनुमान लगाया है। 2009 में जिले में 61 हजार मीट्रिक टन सेब की पैदावार हुई थी। कुल्लू जिले की सब्जी मंडियों में पिछली बार 50 रुपये किलो के हिसाब से सेब के दाम बागवानों को मिले थे, लेकिन 2010 में सेब की अधिक पैदावार होने से इसके दाम कम मिलने की संभावना है। भुतंर, कुल्लू, बंदरोल, पतलीकूहल व चौरी बिहाल सब्जी मंडी में सेब की फसल पहुंचना शुरू हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भुतंर सब्जी मंडी में 305 क्विंटल, बंदरोल में 75 क्विंटल, पतलीकूहल में 12 क्विंटल व चौरी बिहाल में 10 क्विंटल सेब पहुंच चुका है। बंदरोल सब्जी मंडी में सात रुपये से 45 रुपये, पतलीकूहल में 12 से 20, भुतंर में दस से 50 व चौहरी बिहाल सब्जी मंडी में दस से 20 रुपये प्रतिकिलो सेब मिल रहा है। इस बार सेब की फसल पर ओले पड़ने से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। जिस कारण सब्जी मंडियों में सेब के कम दाम मिल रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक सेब की घाटियों में इस बार भारी ओले पड़े हैं, जिससे सेब पर काले दाग पड़ गए हैं। इस बार बागवानी विभाग ने कुल्लू जिले में डेढ़ लाख मीट्रिक टन सेब की फसल होने का अनुमान लगाया है। 2009 में जिले में 61 हजार मीट्रिक टन सेब की पैदावार हुई थी। कुल्लू जिले की सब्जी मंडियों में पिछली बार 50 रुपये किलो के हिसाब से सेब के दाम बागवानों को मिले थे, लेकिन 2010 में सेब की अधिक पैदावार होने से इसके दाम कम मिलने की संभावना है। भुतंर, कुल्लू, बंदरोल, पतलीकूहल व चौरी बिहाल सब्जी मंडी में सेब की फसल पहुंचना शुरू हो गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक भुतंर सब्जी मंडी में 305 क्विंटल, बंदरोल में 75 क्विंटल, पतलीकूहल में 12 क्विंटल व चौरी बिहाल में 10 क्विंटल सेब पहुंच चुका है। बंदरोल सब्जी मंडी में सात रुपये से 45 रुपये, पतलीकूहल में 12 से 20, भुतंर में दस से 50 व चौहरी बिहाल सब्जी मंडी में दस से 20 रुपये प्रतिकिलो सेब मिल रहा है। इस बार सेब की फसल पर ओले पड़ने से बागवानों को भारी नुकसान हुआ है। जिस कारण सब्जी मंडियों में सेब के कम दाम मिल रहे हैं।
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