
KULLU APPLES ARE READY FOR MARKET...
सेब की बम्पर पैदावार,बागवानो के लिए नुकसानदेय
इस वर्ष कुल्लू घाटी में सेब की बम्पर पैदावार हुई है और साइज़ और रंग आने पर बागवानों ने इन्हें बाजार में भेजना शुरू के दिया है.बंजार एव लोअर कुल्लू में युद्ध स्तर पर तौडान शुरू हो चूका है.इस बार ...अत्याधिक बम्पर फसल होने की वजह से बागवानों को मुनासिब कीमत मिलना मुश्किल है.स्थानीय मंडियों जैसे कि मंदरोल,पतली कूल्ह और चोंरीबिहाल में भी सेबों के कम दाम मिल रहे हैं.अधिकतम मूल्य १५ रुपए से ज्यादा नहीं जा रहा है.वैसे पहले ही कुछ इलाकों में ओला वृष्टि कि वजह से सेब दागी हो चुके हैं.
पिछले वर्ष जहां रिलायंस, महिंद्रा एंड महिंद्रा व मदर डेरी समेत अन्य कंपनियां सेब खरीदने के लिए बगीचों में पहुंच चुकी थीं, वहीं इस बार उनका अभी तक कोई पता नहीं है। दूसरी तरफ अदानी गु्रप ने भी ओलावृष्टि सेब खरीदने से इनकार कर दिया है।हिमाचल सरकार के निगम एच.पी.एम.सी.भी शायद ही हाथ बढाएगी.
इससे बागवानों की परेशानी बढ़ती जा रही है। उनकी दिक्कत यह है कि बाजार में एक तो कम दाम मिल रहे हैं व दूसरा कोई विकल्प भी उनके पास नहीं है। बागवानों को उम्मीद थी कि बड़ी कंपनियों के आने से थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इस वर्ष करीब डेढ़ करोड़ पेटी सेब ओलावृष्टि से प्रभावित होने के कारण बड़ी कंपनियों का रुझान भी साफ नहीं हो पा रहा है।कंपनियां, सरकार व आढ़ती कोई भी ओलावृष्टि से प्रभावित सेब बागवानों को सहयोग देने को तैयार नहीं है।
इस तरह ज्यादा फसल ,कुल्लू के स्थानीय बागवानों के लिय इस वर्ष नुकसानदय साबित हो रहा है.
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